बुधवार, 20 अप्रैल 2011

खारे सागर में डूबे हम- गोता लायें मोती ढूंढें











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आओ आज चलें उस दुनिया
खारे सागर में डूबे हम
गोता लायें मोती ढूंढें
ताज में अपने -सिंहासन में
अपने जड़ के
इस उफान में
हहर- हहर कर उठी तरंगे
चली बदलने दुनिया को जो
स्वागत उनका
आओ हाथ मिला कर -कर लें
बड़ी पुनीत है आत्मा उसकी
आओ करें समर्पण हम अब
गोदी उसकी इस अथाह में
भुला के सब कुछ
चैन से फिर सो जाएँ
तभी कल्पना मूर्त हमारी
शांति -लहर -ये रहे झुलाती
थपकी देकर
ऊपर नीचे
तन्हाई की गहराई में
जहाँ स्याह अँधियारा पलता
चाँद दिखाती
उजियारा कुछ
धवल चांदनी
दिल में अपने भर लायें
सपनों के इक राज महल में
कोई दीप जला जाये
उजियारा कर कोई प्रेयसी
जूही चंपा बेला जैसी
खुश्बू  देती
अन्तरंग महका जाये
जल तरंग की-परियां जल की
व्यथा वेदना हर जाएँ
आओ खुद को करें सुवासित
अंतर अपना पुष्प सरीखा
धवल -चांदनी वेद ज्ञान से
आज आत्मा को हम अपनी
अमृत तुल्य  बना डालें
हो गंगा सी -जिसमे आकर
खारा सागर -तर जाये

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर५
..२०११ जल पी बी

8 टिप्‍पणियां:

  1. आओ खुद को करें सुवासित
    अंतर अपना पुष्प सरीखा
    धवल -चांदनी वेद ज्ञान से
    आज आत्मा को हम अपनी
    अमृत तुल्य बना डालें
    बहुत सुन्दर लिखा है आपने
    हार्दिक शुभ कामनाएं!!

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  2. आओ खुद को करें सुवासित
    अंतर अपना पुष्प सरीखा
    धवल -चांदनी वेद ज्ञान से
    आज आत्मा को हम अपनी
    अमृत तुल्य बना डालें
    बहुत सुन्दर लिखा है आपने
    हार्दिक शुभ कामनाएं!!

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  3. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  4. धन्यवाद मदन जी आप की शुभ कामनाएं हमारे सभी वर्ग को लगें और वे मोती की खोज करें अपने हाथों की ताकत को यूँ ही जाया न होने दें सब मिल बढ़ें जागरूक हो अपनी धरा को सुन्दर बना अपने मन को भी सुवासित करें -

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  5. बहुत बहुत धन्यवाद हरीश जी -आज बहुत जरुरत है हमें एक साथ मिल के बढ़ने की -बेकार के आरोप प्रत्यारोप धर्म राजनीति से ऊपर उठ मानवता के हित में सूझ बूझ से कदम बढ़ाते हुए ..

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  6. क्या आप सच्चे हिन्दू हैं .... ? क्या आपके अन्दर प्रभु श्री राम का चरित्र और भगवान श्री कृष्ण जैसा प्रेम है .... ? हिन्दू धर्म पर न्योछावर होने को दिल करता है..? सच लिखने की ताकत है...? महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवा जी, स्वामी विवेकानंद, शहीद भगत सिंह, मंगल पांडे, चंद्रशेखर आजाद जैसे भारत पुत्रों को हिन्दू धर्म की शान समझते हैं, भगवान शिव के तांडव को धारण करते हैं, जरूरत पड़ने पर कृष्ण का सुदर्शन चक्र उठा सकते हैं, भगवान राम की तरह धर्म की रक्षा करने के लिए दुष्टों का नरसंहार कर सकते हैं, भारतीय संस्कृति का सम्मान करने वाले हिन्दू हैं. तो फिर यह साझा ब्लॉग आपका ही है. एक बार इस ब्लॉग पर अवश्य आयें. जय श्री राम

    नम्र निवेदन --- यदि आप सेकुलर और धर्मनिरपेक्ष हिन्दू बनते है तो आप जैसे लोग यहाँ पर आकर अपना समय बर्बाद न करें. पर चन्द शब्दों में हमें यह जरूर बताएं की सेकुलर और धर्मनिरपेक्षता का मतलब आपको पता है. यदि पता न हो तो हमसे पूछ सकते हैं. हम आपकी सभी शंकाओ का समाधान करेंगे.
    हल्ला बोल-

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  7. http://shivemishra.blogspot.inसितंबर 11, 2012 10:35 pm

    अति उत्तम . शुभकामनायें .

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