सोमवार, 25 अप्रैल 2011

मथुरा को फिर एक कंस ने- किया कलंकित


मथुरा को फिर एक कंस ने-
किया कलंकित
डाक्टर के पेशे को अपने
ध्वस्त किये बदनाम किया
कहीं अकेली भोली बाला
दर्द लिए अपना जो आई
हे दिव्या तू -ये सुषेन या कंस
है -दानव- अश्वनी  कोई
थोडा भी पहचान न पाई ??

साथ जियेंगे- मुक्त फिरेंगे
लिव इन  ‘रिलेशन को पूजे तू
किस पापी के चंगुल आई !!
माँ भी उसकी पीटे तुझको
माता का ना धरम निभाई !
तीन-तीन पुत्री देवी दे

शादी अब तक नहीं रचाई

उसके दिल स्थान न पाई !

उसे चाहिए पुत्र ही क्यों ??
जो उसे जलाये ??
ऐसे कर्म पे अश्वनी तेरे
दफ़न तुझे करने की खातिर
कितने लाल धरा हैं आये !!

जिन कन्याओं को खोजे हम
पूजें - दुर्गा उन्हें बनायें
अपनी शक्ति -भक्ति से हम
छप्पन भोग उन्हें करवाएं
मदिरा’- नींद की गोली
देकर पीट -पीट तू
बंदी आज है उन्हें बनाये !!



कहें भ्रमर डिग्री तेरी
क्यों आज नहीं वापस ली जाये ?
चौराहे पर उल्टा टाँगे
क्यों ना कान तेरा पकड़ायें ??

हे नारी शक्ति तुम जागो
लिव इन रिलेशनशिप  वालों तुम
होश में आओ !!
इस समाज से जुड़कर देखो
जो कहना है -  तुम्हे निमंत्रण
आकर प्यारे -लिख कर जाओ !!
एक अकेले को जो भाए
उसे नियम ना नीति बनाओ !!
तुम्हे अगर ये  इतना  भाए  
ओखली कोल्हू- निज- सिर डालो !!


सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर५
२४.४.२०११ जल पी बी 

2 टिप्‍पणियां:

  1. लाइव इन तो पतन का परिचायक है...समाज को गर्त में ले जाने वाली कुप्रथा..
    ये पहली पंक्ति में किसी विशेष व्यक्ति का जिक्र है क्या?? समझ नहीं पाया कृपया स्पस्ट करें

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  2. प्रिय आशुतोष जी सच कहा आप ने ये लिव इन रिलेशन शिप पतन का कारन है ही अधिक् स्वछंदता या कुछ भी अधिक बुरा ही है
    हाँ ये एक सत्य घटना पर आधारित है एक डॉ अश्वनी मथुरा का और दिव्या जो उसकी मरीज थी बाद में पत्नी बनी ३ बेटियाँ हुयीं फिर भी लड़के की खातिर शादी नहीं किया और यातनाएं ...

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