कभी अजनबी थे हम तुम
वक्त की मेहरबानियां रहीं
और हम करीब आ गए
उन पलों की खामोशियों में,
गूंजती धड़कनों का गीत
अब भी ये एहसास दिला जाता है
कि प्रकृति ने जो गीत गाए थे
हमे मिलाने के लिए
वो आज क्योंकर को गए......
कभी अजनबी थे हम तुम
वक्त की मेहरबानियां रहीं
और हम करीब आ गए
उन पलों की खामोशियों में,
गूंजती धड़कनों का गीत
अब भी ये एहसास दिला जाता है
कि प्रकृति ने जो गीत गाए थे
हमे मिलाने के लिए
वो आज क्योंकर को गए......