शुक्रवार, 22 अप्रैल 2011

वंदना

हे जननी यह देश हमारा

स्वर्ग से सुन्दर हो जाये ,

भाई-भाई बंधे प्रेम से

ज्ञान हमेशा इठलाये ।

नहीं किसी का दास बने हम

सभी सत्य प्रिय हो जाये

रहे मान-सम्मान देश का

सब मे दैवी गुण आये

नये प्रात की नव किरणों में

सदा कनक कण दिखलाये

यही विनय है हे मां दुर्गे

भारत आगे बढ़ जाये ।।
- मंगल यादव, जौनपुर

4 टिप्‍पणियां:

  1. प्रिय मंगल जी बहुत सुन्दर वंदना आप की माँ दुर्गे मनोकामना पूर्ण करें और आप की ये वंदना हर मन हर फूल को खिलाये अपने देश को शिखर पर ले जाये
    धन्यवाद

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