प्रभु तेरी पूजा वंदन को मैं कैसे आऊँ |
नदिया ताल नहर जल दूषित, कौन सो नीर चढ़ाऊँ |
चहुँ दिशि डीज़ल-धुंआ प्रदूषण, अंखियन नीर बहाऊँ |
सड़क चौराहे जाम लगे हैं, कौन राह चलि आऊँ |
गलियन राह शोर अति, कैसे घंटा-ध्वनि सुनि पाऊँ |
खून खरावा, लूट-पाट, घर बाहर कैसे जाऊं |
तुम अपने घर, मैं अपने घर, गोविन्द गोविन्द गाऊँ ||
प्रभु तेरी पूजा वंदन को मैं कैसे आऊँ ||
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