रविवार, 5 जून 2011

विश्व पर्यावरण दिवस पर डा श्याम गुप्त का पद ...

प्रभु तेरी पूजा वंदन को मैं कैसे आऊँ |
नदिया ताल नहर जल दूषित, कौन सो नीर चढ़ाऊँ |
चहुँ दिशि डीज़ल-धुंआ प्रदूषण, अंखियन नीर बहाऊँ |
सड़क चौराहे जाम लगे हैं,  कौन राह  चलि आऊँ |
गलियन राह शोर अति, कैसे घंटा-ध्वनि सुनि पाऊँ |
खून खरावा,  लूट-पाट,  घर  बाहर  कैसे  जाऊं |
तुम अपने घर, मैं अपने घर, गोविन्द गोविन्द गाऊँ ||
                            प्रभु तेरी पूजा वंदन को मैं कैसे आऊँ ||

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें