मंगलवार, 21 जून 2011

मूर्खता (दूसरों से सीखने में हर्ज ही क्या है )



झलक मिलती है सूरज की
उग उठे बादल करे क्या
भनक मिलती है मूरख की
मुह खुले-आभूषण करे क्या
सोने पर धूल पड़े कितनी पर
सोना ही रह जाता है
घोड़े पर चढ़ ले मुकुट पहन
वो राजा ना बन जाता है
आतिशबाजी सी चकाचौंध बस
दीपक ना बन जाता है
खातिरदारी मुंह दांत दिखे बस
दीमक सा खा जाता है
कुल नाश करे- अधिकार मिला
उन्माद भरे ही विचार करे
भ्रमर कहें वो लुहार  भला
घन मार सभी जो सुधार करे
निज रक्त चाट के खुश होवे 
लम्पट- मद में धन नाश करे
निज भक्त मान के सब खोये 
कंटक पथ में वह वास करे  
जब यार चार मिल जाएँ तो
विद्वानों का उपहास करे
सब नीति नियम ही मेरी मानो
फूलों का दो हार हमें 
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल
३.०६.२०११ जल पी बी 

2 टिप्‍पणियां:

  1. महात्मा गांधी की जयंती दो अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र संघ ने अंतर -राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया था .लेकिन इस मौके पर गांधीजी के जो ताउम्र अहिंसा और सत्य के पुजारी रहे सन्देश को सोनिया गाँधी से प्रसारित करवाना कई हलकों को बहुत ना -गंवार गुजरा था .उन्होंने पूछा था -क्या सोनिया गांधी उन्हीं जीवन मूल्यों का प्रति निधित्व करतीं भी हैं जिनके लिए महात्मा का सारा जीवन समर्पित था .क्या यह अच्छा नहीं रहता यह सन्देश किसी गांधी वादी से ही दिलवाया जाता आम जन को ,कोंग्रेस के आम आदमी को ।
    जानतें हैं उन्होंने क्या कहा इस मौके पर -
    हाव कैन सोनिया पोसिब्ली रिप्रेजेंट महात्मा गाँधी ऑन इंटर -नेशनल नॉन -वायोलेंस डे?
    ट्रुथ वर्सस वायोलेंस
    नॉन -वायोलेंस वर्सस अग्रेशन
    सेकरी -फा -इस वर्सस सेल्फ एग्रन्दाइज़- मेंट
    ओनेस्टी वर्सस डिस -ओनेस्टी
    टोलरेंस वर्सस इन -टोलरेंस ।
    बकौल इनके - सोनिया मैनो गाँधी गांधीजी की आनुवंशिक वन्श्वेल से भी ताल्लुक नहीं रखतीं हैं .उनके नाम को वह भुना रहीं हैं अपने हक़ में और वह भी आलमी स्तर पर ,ग्लोबल कैनवास पर .(प्लीज़ रीड दी लिंक http://www.iretireearly.com/sonia-gandhi-and-congress-secret-billions-exposed.हटमल)
    http://www.iretireearly.com/sonia-gandhi-and-congress-secret-billions-exposed.हटमल ।
    आप जानतें हैं और अच्छी तरह से मानतें हैं सोनिया प्रति -शोधात्मक हैं ,रिवेंज्फुल हैं ,विन्डिक-टिव हैं .गैर -प्रजातांत्रिक हैं .रामलीला करतीं हैं ।आधी रात के बाद संतों के कपडे उतर वातीं हैं .
    इनका दल कई प्रजा -तांत्रिक धत कर्मों में लिप्त रहता है .कर छापे डलवाता है विरोधियों के घर दफ्तर पर ,कारोबार पर .विपक्ष की सीधे- सीधे भी हेटी करता है .(आपातकाल इसका साक्षी बन चुका है )।
    (सन्दर्भ :"नो योर सोनिया "-डॉ .सुब्रामनियम स्वामी .विजिटिंग हारवर्ड प्रोफ़ेसर )।
    सोनिया जी की प्रो -टेर्रार-ईस्ट (आंतक -वाद पोषक )नीतियों के चलते ही भारतमें आज दुनिया में ईराक के बाद सबसे ज्यादा आतंक वाद के सताए हुए पीड़ित लोग हैं .घर से बेघर (कश्मीरी पंडित तो एक उदाहरण मात्र हैं )।
    उनकी सरकार अफज़ल गुरु के लिए माफ़ी की मांग करती रही है जिसने भारतीय संसद को निशाने पे लेने की सारी साज़िश रची थी ।कसाब मुंबई में जीम रहा है .बिरयानी कभी पाँव बड़ा और कभी ...
    हम धर्म -निरपेक्ष हैं साहब और इसीलिए हमने अपने बोर्डर्स को सोफ्ट बनाया हुआ है .इस्लामी बुनियाद परस्ती और इस्लामी आतंक के प्रति सोनिया सरकार आँखें बंद किए है ।
    इनकी सरकार में १९८४ के दंगों को हवा देने वाले प्रमुखतम सूत्र -धार केन्द्रीय सरकार का एक एहम महकमा संभाले हुए थे ।यही है इनका मानवाधिकारों के प्रति अनुराग ।
    इनकी सरकार ने ९० करोड़ हिन्दुओं की आस्था के प्रतीक राम सेतु को यूं उड़ा दिया ,तालिबान ने जैसे बौद्ध स्तूपों और प्रतिमाओं को उड़ा दिया था (बमयन बुद्धाज़ )।
    गांधी जी हिंदुत्व के मूर्त रूप थे उनके तो अंतिम शब्द भी यही थे -हे राम !धर्म परिवर्तन को उन्होंने संस्कृति विनाशक ज़हर बतलाया था .फिल वक्त सोनिया के शासन और संरक्षण में अंतर -राष्ट्रीय मिशनरियां खुल कर यह सेवा कर रहीं हैं भारत को साक्षर और भर -पेट होने बनाने के नाम पर .
    उनके स्वर्गीय पति पर आक्षेप है उन्होंनेरूसी खुफिया एजेंसी " के जी बी" से पैसा लिया था .उनका स्विस बैंक में गुप्त खाता था २ अरब डॉलर का .आज तक सोनिया एंड कम्पनी ने इसका प्रतिवाद नहीं किया है ।
    २००१ में राहुल गाँधी को बोस्टन में धर लिया गया था "ऍफ़ बी आई "ने ,इस बिना पर इनके पास बेनामी केश है ।
    (सन्दर्भ :दी स्टेट विद -इन स्टेट बाई येव्जेनिया अल्बट्स ,स्विस मैगजीन स्वईज़र इलास्त्रेने ११/१९९१ ,इंडो एशियन न्यूज़ सर्विस )।
    इन्हीं युवराज को मिस्टर सुपर -क्लीन को भारत का भावी- प्रधान मंत्री बतलाया जा रहा है ,जो आजकल कोंग्रेसी चाणक्य दिग -विजय से दीक्षा ले रहें हैं .
    युनाईतिद नेशंस आयल फॉर फ़ूड स्केम देट हेल्प्द सदाम हुसैन में सोनिया कोंग्रेस के हाथ सने हुए थे .भारत आने से पहले भी इनकी स्लेट पाक साफ़ नहीं थी बहुत कुछ वहीँ से लिखा आया था इसकी चर्चा फिर कभी

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  2. आदरणीय वीरुभायी जी धन्यवाद आप का बहुत ही सार्थक आप का ये लेख सराहनीय
    रचना पसंद आई आभार आप का
    शुक्ल भ्रमर ५
    भ्रमर का दर्द और दर्पण
    बाल झरोखा सत्यम की दुनिया
    भारतमें आज दुनिया में ईराक के बाद सबसे ज्यादा आतंक वाद के सताए हुए पीड़ित लोग हैं .घर से बेघर (कश्मीरी पंडित तो एक उदाहरण मात्र हैं )।
    उनकी सरकार अफज़ल गुरु के लिए माफ़ी की मांग करती रही है जिसने भारतीय संसद को निशाने पे लेने की सारी साज़िश रची थी ।कसाब मुंबई में जीम रहा है .बिरयानी कभी पाँव बड़ा और कभी ...
    हम धर्म -निरपेक्ष हैं साहब और इसीलिए हमने अपने बोर्डर्स को सोफ्ट बनाया हुआ है

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