बहुत पहले मैं टीवी पर बाबा रामदेव जी का योग शिविर देख रहा था, बाबा के इस शिविर का सञ्चालन विदेश में हो रहा था. उस दौरान जब योग शिविर की समाप्ति हुयी तो वहा पर गाना बजने लगा " मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरा मोती, मेरे देश की धरती" " यह देश है वीर जवानों का" इस देश भक्ति गीत के साथ लोग भारत का तिरंगा लहरा रहे थे और झूम रहे थे, मजेदार बात यह थी की उस दौरान विदेशी भी झूम रहे थे. बहुत मनभावन लग रहा था यह दृश्य. उस दृश्य ने हमें स्वामी विबेकानंद की याद दी. जिन्होंने अम्रेरिका में जाकर देश का नाम बुलंद किया. मैं देखता आ रहा हूँ बाबा अपना योग शिविर चाहे भारत में करें या विदेश में उन्होंने हमेशा देश भक्ति की बात ही की है. वे अपने योग शिविरों में हमेशा भ्रष्टाचार और काले धन के विरुद्ध आवाज़ बुलंद की है. बाबा चाहते तो वे सर्कार की हां में हां मिलाकर हमेशा सभी के चहेते बने रहते पर उन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्होंने हमेशा राष्ट्रभक्ति और देश प्रेम की बात की. चाहे हिन्दू हो या मुसलमान सभी उनके समर्थक रहे. पर पिछले दिनों परिस्तिथियाँ बदली जब उन्होंने भ्रष्टाचार और काले धन जैसे मुद्दे को लेकर दिल्ली में आमरण अनशन किया.
देखा जाता है की बुद्धिमान से बुद्धिमान व्यक्ति भी भ्रष्ट लोंगो के कुचक्र में फंस जाता है. बाबा भी फंसे, राजनीती के गंदे खेल से वाकिफ होने के बावजूद वे भ्रष्ट राजनीतिज्ञों की चाल में फंस गए. पहली भूल उनसे तब हुयी जब उन्होंने मंत्रियों को पत्र लिखकर दे दिया. यह बात बाबा अनशन की शुरुआत में अपने समर्थको को बता देते तो सरकार की सारी चालाकी धरी की धरी रह जाती, पर उन्होंने विश्वास में खता खायी. बाबा यही पर मत खा गए और लोंगो को बोलने का मौका दे दिया. पर हमें विचार करना होगा की वे टक्कर किस से ले रहे थे, इस देश की भ्रष्ट सरकार से जो बाबा के आन्दोलन से डरी हुयी थी. और लोंगो को बोलने का मौका दे दिया, उन लोंगो को जिन्हें किसी की अच्छाईयाँ दिखाई नहीं देती बल्कि उन्हें बुराईयों को खोजने की आदत है.
उस से पहले हमें यह सोचना होगा की बाबा का आन्दोलन किस के लिए था. आज देश की जो दुर्दशा है वह किसी से छुपी नहीं है. आज विश्व में हमारा देश भ्रष्टाचार दूसरे नंबर पर है. और उसी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने वालो पर सरकार लाठी चार्ज करवा रही है. अपनी जान बचाने के लिए बाबा ने वाही किया जो उन्हें उचित लगा, उनका हम सभी के बीच रहना जरुरी है. आज कितने लोग हैं जो इस मुद्दे पर आवाज़ बुलंद कर रहे है. हो सकता है सरकार भगदड़ दिखाकर बाबा को जान से मरने की योजना बना चुकी थी और इसीलिए रात को उस समय यह कदम उठाया जब दूर दराज़ से आये लोग सो रहे थे. वास्तव में यह कांड जलियाँ वाला बाग से कमतर नहीं था. हमें सोचना होगा की इस देश को आज़ाद करने वाले क्रांतिकारियों को अपनी जान बचाने के लिए कई बार भागना पड़ा था. यह कायरता नहीं थी. पर जिन्हें इस देश से प्यार नहीं है उन्हें कमियां ही दिखाई देंगी. उन्हें कोई ठग कह रहा है तो कोई भगोड़ा. इससे बड़ी गन्दी मानसिकता हमारी क्या हो सकती है.
इस देश में चाहे क्रन्तिकारी हो हो या महापुरुष सभी से चाहे अनचाहे अपने जीवन में भूल हो जाती है. यहाँ तक की छोटी मानसिकता रखने वालो ने मर्यादा पुरोसोत्तम भगवान राम पर भी अंगुली उठाई.
देखा जाय तो बाबा एक पवित्र मकसद को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. और इसमें सभी को साथ देना चाहिए. पर यहाँ पर भी लोग कांग्रेस की घटिया चाल में फंस गए. और उसी की तरह उन्हें RSS और BJP का एजेंट बता दिया. यही तो सरकार चाहती थी. सरकार कभी नहीं चाहेगी की देश के लोग एकजुट हो क्योंकि आज़ादी के बाद से ही सत्ता संभल रही इस सरकार से जुड़े लोंगो के ही काला धन विदेशी बैंको में जमा हैं. शर्म तो हमें आनी चाहिए की सत्ता से जुड़े लोग जो समझाना चाहते हैं वही लोग समझ रहे हैं.
बाबा ने RSS और BJP को अनशन में साथ लेने के लिए आमंत्रण नहीं दिया था. वे लोग खुद ही वहा गए. और बाबा ने किसी को मना भी नहीं किया था. उन्होंने कब कहा की मुस्लिम संगठन और अन्य राजनितिक पार्टियाँ उनके अनशन में न आयें. फिर लोग क्यों नहीं गए,
राजनीती का गन्दा खेल खेलने वाले आम लोंगो को अपने भ्रम जाल में फंसाकर गुमराह करते रहते हैं और हम गुमराह होते रहते हैं इसी का फायदा फंदेबाज लोग उठाते है. आज जरुरत इस बात की है कि दकियानूसी विचारो को छोड़कर देश हित के मुद्दे पर सभी एक जुट हो, यदि बाबा आज देशभक्ति, कालाधन और भ्रष्टाचार कि बात करते हैं तो हमें एकजुट होकर उनका साथ देना होगा. आज वे उचित मुद्दे को लेकर खड़े हुए हैं, हां जब हमें लगे कि वे गलत रास्ते पर हैं तो हमें उनका विरोध करने को भी तैयार रहना होगा, पर बेवजह बाबा पर अंगुली उठाकर हम झूठी वाहवाही भले ही चाँद लोंगो कि बटोर ले पर यह भी सोचे कि यदि यही हालत बने रहे तो क्या आने वाली हमारी पीढ़ी सुख और शांतिपूर्वक रह पायेगी.
इस ब्लॉग वार्ता से पूरी तरह सहमत. अच्छा विश्लेषण, तर्कपूर्ण विधि से समझाने और अपना पक्ष प्रस्तुति का सार्थक प्रयास. जन समर्थन मिलेगा, लोग जागेंगे. सोचेंगे, समझेंगे भी......
जवाब देंहटाएंधन्यवाद डॉ. तिवारी जी, जिस दिन लोग जागरूक हो जायेगे वे कभी भी राजनीतिज्ञों की चाल में फंसकर दिग्भ्रमित नहीं होंगे.
जवाब देंहटाएंकोइ बात नहीं ,राम भी लक्ष्मण-शक्ति के रूप में रावण से धोका खा चुके थे....युद्ध में उंच-नीच चलती ही रहती है ....
जवाब देंहटाएं---और बाबा की सबसे बड़ी कमी तो यह ही है कि वे भगवा वस्त्र धारी हैं ..जिस रंग से भ्रष्ट- जन..हिन्दुस्तान की सरकार, कांग्रेस पार्टी व इटली वाले अध्यक्ष, अन्य धर्म के लोग, कम्युनिस्ट, और तथाकथित सेक्यूलर सब --विरोध में रहते हैं ...
---बहुत कठिन है डगर पनघट( भ्रष्टाचार से मुहीम ) की ...
---जन जन में जागरूकता फैलाना ही उद्देश्य था...
सही कहा डॉ. गुप्ता जी, बाबा ने जन-जन में अलख जगा दी है, अब जरुरत है हम सब मिलकर उस मुहीम को आगे बढ़ाये. और रही बात भगवा की तो पश्चिमी सभ्यता में रंगे सियार उस रंग की अहमियत क्या जानेंगे. सत्ता की लालच में अंधे लोंगो की आंख नहीं खुलेगी पर आम जन को जागरूक होना होगा. सत्य का मार्ग कठिन होता ही है. रावन को मारने के लिए प्रभु श्री राम भी १४ वर्ष तक जंगलो की खाक छाने. अब तो कलयुग है और बाबा तो एक संत है. उन्हें तो कठिन तपस्या करनी होगी. देश की जानता को जागरूक होना होगा.
जवाब देंहटाएंइस ब्लॉग वार्ता से पूरी तरह सहमत. अच्छा विश्लेषण, तर्कपूर्ण विधि से समझाने और अपना पक्ष प्रस्तुति का सार्थक प्रयास.
जवाब देंहटाएंसत्ता शतरंज और शियासत, यही निति बना कर बैठी हुई हैं हमारी भ्रष्ट सरकार, की भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले को दबा दो..
उखाड़ फेकिये ऐसी सरकार को और कुचल दीजिये उन दरिंदो को जो निर्दोष लोगो को भ्रटाचार और भ्रटाचारियो के खिलाफ आवाज उठाने से रोके
कांग्रेस्सियों को देश को ये बताना चाहिए की अगर बीजेपी-संघ-विहिप किसी भी मुद्दे को उठाता है तो वो मुद्दा संप्रादायिक होगा, चाहे वो कला धन हो या भ्रास्तचार हो. इन संप्रदायिक ताकतों को कोई हक नही है देशभक्ति का देशहित मे आवाज़ उठाने का क्यूंकी देशभक्ति का पेटेंट ......... कांग्रेस्सियों ने कराया हुआ है. और अगर किसी पे भी शक हुआ की वो इन लोगो के बहकावे मे आकर देशभक्ति कर रहा है तो हम उसे दौड़ा दौड़ा कर मारेंगे-फिर उसे जायज़ भी ठहरा देंगे.