भीष्म -शैय्या पर पड़े
आज आप “भीष्म ” शैय्या पर पड़े
इतने दिन सब कुछ सहे
आराम से खून देते जा रहे हैं
आज आप “भीष्म ” शैय्या पर पड़े
इतने दिन सब कुछ सहे
आराम से खून देते जा रहे हैं
दीजिये -ख़ुशी है
लेकिन हम मच्छर नहीं
की केवल अपना पेट भर के
आप को छोड़ देंगे
हमारी तो पूरी जमात है
घर है परिवार है
और जब आप चेतना शून्य हो जायेंगे
तो हम सब आप के चाहने वालों को
घर परिवार को
आप की जमात को
एक -एक कर
बुला लेंगे
सुला देंगे
इसी शैय्या पर
खून देते रहने के लिए
आप की जमात को
एक -एक कर
बुला लेंगे
सुला देंगे
इसी शैय्या पर
खून देते रहने के लिए
(सभी फोटो साभार गूगल/नेट से लिया गया )
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
२८.७.२०११ जल पी बी
४.२९ पूर्वाह्न
२८.७.२०११ जल पी बी
४.२९ पूर्वाह्न
सदा की तरह प्रभावित करती रचना। आज और विशेष कुछ नहीं सिर्फ़
जवाब देंहटाएंबधाई! बधाई!! बधाई!!!
मदन भाई धन्यवाद और आभार आप का ...आप की ये बधाइयाँ सर आँखों पर ..आइये यों ही कुछ करते आगे बढ़ते रहें
जवाब देंहटाएंआभार आप का
भ्रमर ५