बुधवार, 12 अक्तूबर 2011

तेरी दवा जहर है हमारे लिए


कुल्लू से आप सभी का स्वागत है थोड़ी सी ठण्ड पहाड़ियों से घिरे मैदान में मेला झूला भीड़ गाजियाबाद नजीबाबाद तक से आई दूकानें हिमाचल के गाँव गाँव से आये देवता दूर दूर से आये डेरा डाले प्रभु श्री राम के दर्शनार्थी भक्त आज देवताओं की फिर गाँव गाँव में वापसी प्रभु से गले मिल सब वापस होंगे गाजे बाजे के साथ जाने के समय फिर गाँव गाँव में प्रधान या बड़े लोगों के यहाँ रुकेंगे फिर अपने गाँव पालकी में सवार देवता की वापसी हर जगह बाजे बजते बारात सा माहौल -उधर कला केंद्र में रूस , ब्राजील , मुबई से आये के के की टीम , अन्य प्रदेशों से आये कलाकार रात में धूम मचाये नौ दिन ….अब विदाई का समय …विदाई में दिल शांत करना होता है ..आशीर्वाद गले मिलना ..गिले शिकवे माफ़ ….प्रभु सब को आशीष दें ये देश कुछ बदले ….जय श्री राम …आइये अब देखें थोड़ी राजनीति और लोगों का कहना …..
तुम्हारी ये सफ़ेद धोती टोपी
अँधेरे में चमक जाती है
दिखा देती है करतूत
लोगों को राह
समझ लो अँधेरे का दस्तूर
काल कोठरी
यहाँ के लोगों का मन
इनका राज
इनका ख्वाब
कुछ दिन कैद में रहो
पाँव में बेंडियाँ डाल
कैद में ??
हाँ नहीं तो नहीं रह पाओगे
इस सडांध में नहीं ढल पाओगे
उड़ जाओगे फुर्र
सीढियां चढ़ जाओगे
दिखाई दोगे सब को
मुह खोलोगे
सच बोलोगे
आग उगलोगे
वो आग जो झोपड़ियों को नहीं जलाती
गरीबों को नहीं छू पाती
जो घातक है कोठियों के लिए
अन्यायी के लिए अन्याय के लिए
मुझसे बीमार के लिए
तेरी दवा जहर है हमारे लिए
हमारी जात पांत के लिए
जिसकी आज भरमार है
तू ईमानदार है
अल्पसंख्यक है
तेरी संसद नहीं बनेगी
न ही कभी तेरी सत्ता चलेगी
शुक्ल भ्रमर ५
१२.१0.२०११ यच पी

2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर शुक्ल जी! आपने तो धन्य ही कर दिया कविता पे कविता सुना कर काश मै भी आपकी तरह सार्थक कवि हो पाता ! ठीक है मै भी सीखने की कोशिश कर रहा हूँ ....आभार

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  2. प्रिय मदन भाई ये तो आप की जर्रा नवाजी है प्यार है prem है ..कहाँ आप और कहाँ मई आप की रचनाएं बहुत ही धनी हैं ..शब्द शब्द ज्ञान विज्ञानं से भरे ....सच में प्यार तो प्यार ही है ..प्यार देवता प्यार ईश है ..प्यार हमारा तेरा मन .प्यारा सब है ये जब तेरे पास रहे तो ...इस श्रृष्टि का जड़ है मूल मन्त्र है
    प्रोत्साहन के लिए
    आभार
    भ्रमर५

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