आओ दीप जलाएं
घर में, आंगन में
हर जगह
हर राह पर
सभी के लिए
प्रेम का पाठ पढ़ाएं
आओ दीप जलाएं
न हो गिला
शिकवे की न जगह हो
दिल में किसी के
हो इंसान में इंसानियत
दीपक ऐसा जलाएं
आओ दीप जलाएं
न हो कहीं दिखावा
मस्ती के रंग में
हो रोनक की बिसात
दोपों के संग में
न बुझे जन्मान्तर तक
ऐसी ज्वाला फैलाएं
आओ दीप जलाएं
आधुनिकता की बहाव में
कहीं बह न जाना
जहां जाना
संस्कृति न भुलाना तुम
गाएं गीत बंशज
ऐसी दीवाली मनाएं
आओ दीप जलाएं
- मंगल यादव
प्रिय मंगल जी अभिवादन और आभार दीपावली पर थोडा नेट से दूर पड़ा रहा ...बहुत सुन्दर कविता ....दीवाली की ढेर सारी शुभ कामनाएं ..आइये साहित्य को निरंतर रोशन करें .....जय श्री राधे
जवाब देंहटाएंभ्रमर ५
हिंदी बनाते समय थोडा ध्यान रखें नीचे सा सही कर लें -धन्यवाद
न हो कहीं दिखावा
मस्ती के रंग में
हो रौनक की बिसात
दीपों के संग में
न बुझे जन्मान्तर तक
ऐसी ज्वाला फैलाएं
आओ दीप जलाएं