दिल्ली में दिसंबर 2012 में एक लड़की का बलात्कार हुआ था और उसके बाद लोहे की सरिया उसके अंगो में डालकर तड़पा तड़पा कर हत्या की गयी थी.. उस लड़की काल्पनिक नाम "निर्भया" रखा गया। महीनो तक हल्ला हुआ कानून बना कैंडिल जलायी गयी..दरिंदो की की गिरफ़्तारी हुई..इसमें से एक दरिंदा अफरोज 18 साल से कम का था,इस ने दीदी बोलकर सबसे पहले लड़की को बस में बिठाया फिर सामूहिक बलात्कार के बाद निर्भया के विभिन्न अंगो में लोहे की राड डालकर उसकी वीभत्स हत्या की। कम उम्र होने के कारण
कानून ने उसे 3 साल बालसुधार गृह में भेजा और उसने दूध पीकर कैरम खेलते खेलते 3 साल काट लिए. अब कानून के अनुसार उसने अपनी सजा काट ली है परन्तु इस दरिन्दे को रिहा करना क्या सभी समाज के लिए उपयुक्त होगा ?? क्या ऐसा संभव नहीं की ये दरिंदा दोबारा किसी महिला को इसी प्रकार की वीभत्स मौत दे? क्या इसकी संभावना नहीं की दरिंदा अफरोज दोबारा किसी लड़की को दीदी कहके उसका बलात्कार कर दे ??
ऐसे कई संशय है जिससे वर्तमान केंद्र सरकार भी सहमत है इसी कड़ी में मोदीसरकार कोर्ट से ये कह रही है की ये लड़का और खतरनाक होकर किसी और की बहन या बिटिया को निर्भया की तरह तड़पा तड़पा के मार सकता है अतः इसे किसी अच्छे NGO की निगरानी में रक्खा जाये खुला न छोड़ दिया जाए. हालाकि कोर्ट ने कानून का हवाला देते हुए उसे रिहा करने का आदेश दिया है..आखिरी उम्मीद राष्ट्रपति या सुप्रीम कोर्ट से है,जिसकी संभावना कम है ..
कानून ने उसे 3 साल बालसुधार गृह में भेजा और उसने दूध पीकर कैरम खेलते खेलते 3 साल काट लिए. अब कानून के अनुसार उसने अपनी सजा काट ली है परन्तु इस दरिन्दे को रिहा करना क्या सभी समाज के लिए उपयुक्त होगा ?? क्या ऐसा संभव नहीं की ये दरिंदा दोबारा किसी महिला को इसी प्रकार की वीभत्स मौत दे? क्या इसकी संभावना नहीं की दरिंदा अफरोज दोबारा किसी लड़की को दीदी कहके उसका बलात्कार कर दे ??
ऐसे कई संशय है जिससे वर्तमान केंद्र सरकार भी सहमत है इसी कड़ी में मोदीसरकार कोर्ट से ये कह रही है की ये लड़का और खतरनाक होकर किसी और की बहन या बिटिया को निर्भया की तरह तड़पा तड़पा के मार सकता है अतः इसे किसी अच्छे NGO की निगरानी में रक्खा जाये खुला न छोड़ दिया जाए. हालाकि कोर्ट ने कानून का हवाला देते हुए उसे रिहा करने का आदेश दिया है..आखिरी उम्मीद राष्ट्रपति या सुप्रीम कोर्ट से है,जिसकी संभावना कम है ..
यदि इस दरिन्दे अफरोज ने खुद के 18 साल से थोडा कम होने के कारण क़ानून का फायदा उठा के अपनी रिहाई का रास्ता बना लिया है तो क्यों न सरकार इसकी तस्वीर और पहचान सार्वजनिक कर दे जिससे फिर कोई निर्भया अफरोज की हवस और हैवानियत का शिकार न होने पाए..दूसरी ओर सबसे दुखद ये है की अरविन्द केजरीवाल ने अब उस राक्षस को खुला छोड़ने के साथ साथ उसे 10000 रूपये तथा सभी आवश्यक सहायता देने की घोषणा की है..क्या अफरोज जैसे बलात्कारी को पैसे देकर हमारी बेटियों महिलाओं की सुरक्षा होगी?? ये वोट वोट बैंक की राजनीति अब कितना और गिराएगी हमारे राज नेताओं को ??? ईश्वर न करें मगर निर्भया की जगह अरविन्द केजरीवाल जी की अपनी बिटिया होती तो भी वोट पाने के लिए ऐसा ही करते??
दुखद है मगर आज का सत्य यही है की 20 दिसंबर को अफरोज रिहा हो जायेगा और हर छोटी छोटी बात पर भारत के प्रधानमंत्री की अवहेलना करने वाली गाली देनी वाली केजरीवाल सरकार निर्भया के बलात्कारी अफरोज पैसे रूपये से लेकर हर आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है.. .
आशुतोष की कलम से
आशुतोष की कलम से
(केजरीवाल सरकार देगी बलात्कारी अफरोज को 10,000 रूपये)
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