अमा इतना खुस गवार मौसम है अपनी इस प्यारी दिल्ली का
और तू कैसा ब्लॉगर है की कुछ लिखता ही नहीं
कुछ नहीं तो यही लिख दे की आज का मौसम बहुत अच्छा है इसलिए
कुछ लिखने का मन नहीं कर रहा है फिर भी कुछ लिख रहे है
अबे किया खाक लिखा है लिख ने को मसाला तो बहुत है
लेकिन ........तू कैसा ब्लॉगर है....समय की धारा के साथ साथ कुछ सार्थक लिख
चलो आज कुछ तो लिखा कल कुछ और लिखे गे ...
जय बाबा बनारस.....
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