tag:blogger.com,1999:blog-4107023095685977479.post9072059345913642445..comments2023-09-28T14:36:01.371+05:30Comments on पूर्वांचल ब्लॉग लेखक मंच: अरे लुटेरे भाई तेरी - क्या दूकान चली हैहरीश सिंहhttp://www.blogger.com/profile/13441444936361066354noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4107023095685977479.post-82555943102575109272011-04-16T22:55:21.568+05:302011-04-16T22:55:21.568+05:30हाँ आशुतोष भाई ये सच्चा दर्द जब हमारे सामने आया तो...हाँ आशुतोष भाई ये सच्चा दर्द जब हमारे सामने आया तो इसे हमने अपने ब्लॉग का हिस्सा बना लिया नहीं तो अख़बार को तो लोग यहाँ वहां ठिकाने लगा देते है न ! , न जाने इस दुनिया को क्या होता जा रहा है ?? दर्द का निवारण भी कुछ तो खोजना था न ,इसलिए 'कुछ' से आह्वान भी कर दिया ....बहुत बहुत धन्यवाद आप की प्रतिक्रिया के लिए , महावीर जयंती पर ढेर सारी हार्दिक शुभ कामनाएं आप सब को <br />सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4107023095685977479.post-41093290190368074302011-04-16T22:50:46.473+05:302011-04-16T22:50:46.473+05:30प्रिय सवाई सिंह राजपुरोहित जी बहुत बहुत धन्यवाद आप...प्रिय सवाई सिंह राजपुरोहित जी बहुत बहुत धन्यवाद आप की प्रतिक्रिया के लिए ये सच्चाई जो दर्द बन रोज हमारे आखों के सामने आती जा रही है इस का कुछ और छोर नजर नहीं आ रहा आप सब को भी महावीर जयंती पर ढेर सारी हार्दिक शुभ कामनाएं <br />सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रम्र५Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4107023095685977479.post-37903467100215767762011-04-16T16:20:34.031+05:302011-04-16T16:20:34.031+05:30भ्रमर जी ..
आप नए समाज से लेकर समसामयिक और कर्तव्य...भ्रमर जी ..<br />आप नए समाज से लेकर समसामयिक और कर्तव्य का बोध कराती सरी पंक्तिया उकेर दी है...<br />सुन्दर कविता आभारआशुतोष की कलमhttps://www.blogger.com/profile/05182428076588668769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4107023095685977479.post-34099132350976502512011-04-16T15:34:42.363+05:302011-04-16T15:34:42.363+05:30अरे लुटेरे भाई तेरी -
क्या दूकान चली है
कल तक तो ...अरे लुटेरे भाई तेरी -<br />क्या दूकान चली है <br />कल तक तो तू जुआ खेलता <br />‘गलियों’ में था दर्शन देता <br />अब 'पद्मावती' में घूमे - जाये <br />‘दिल्ली’ पहुंचे तो उड़ जाये <br />सागर के उस पार !!<br /><br />बहुत ही सुंदर <br /><br />"सुगना फाऊंडेशन जोधपुर" "हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम" "ब्लॉग की ख़बरें" और"आज का आगरा" ब्लॉग की तरफ से सभी मित्रो और पाठको को "<a href="http://rajpurohitagra.blogspot.com/2011/04/blog-post_16.html" rel="nofollow"> "भगवान महावीर जयन्ति"</a>" की बहुत बहुत शुभकामनाये !<br /><br />सवाई सिंह राजपुरोहितSawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/14297388415522127345noreply@blogger.com