tag:blogger.com,1999:blog-4107023095685977479.post5392433105626039239..comments2023-09-28T14:36:01.371+05:30Comments on पूर्वांचल ब्लॉग लेखक मंच: सोचा था एक शेर मै पा-लूंहरीश सिंहhttp://www.blogger.com/profile/13441444936361066354noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-4107023095685977479.post-54926984080640509652011-07-03T19:32:49.084+05:302011-07-03T19:32:49.084+05:30साहित्यु का गुण है कि एक एपिसोड की समाप्ति पर दूसर...साहित्यु का गुण है कि एक एपिसोड की समाप्ति पर दूसरे का भाव दिया जाना चाहिए.....<br /><br />---इसीलिये आज के सिनेमा को साहित्य की श्रेणी का नहीं माना जाता ...<br /><br />---तो बीच में - लगाने की क्या आवश्यकता है...डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4107023095685977479.post-70807878668370676092011-07-01T23:27:19.268+05:302011-07-01T23:27:19.268+05:30पहले तो .....
---यह पा-लूं है= प्राप्त करलूं I sho...पहले तो .....<br />---यह पा-लूं है= प्राप्त करलूं I should get..है या .. आदरणीय डॉ श्याम सुप्त जी इसमें दोनों अर्थ है पा जाऊं या ले लूं जो आप की तरह से विद्वान हैं इसका कई अर्थ निकालें इस लिए पा- लूं है <br /><br />----पालूँ = पालन पोषण करूँ...है - संतान का पोषण से भी अभिप्राय है <br /><br />२- जब अभी सोचा ही था..भविष्य की बात... तो ...एक दम वर्त्तमान में कहाँ से आगये जो इशारे मानने भी लगा....<br /><br />श्याम जी भूत काल से वर्तमान और भविष्य की ही तरफ ही आते हैं न-सो आ गए सब कुछ दिखाना है न जैसे- तीन घंटे कभी सिनेमा देखा है की नहीं ???? <br /><br /><br />३.शेर है तो बड़े जिगर वाला ही होगा...कहने की क्या आवश्यकता है- यही तो आप की ग़लतफ़हमी है सभी बड़े जिगर वाले ही नहीं लीचड़ भी हैं - और अगर मै कुत्ता पाल लूं लिखता - तो आप का प्रश्न होता की कुत्ता का बड़ा जिगर होगा कैसे आप ने सोच लिया -<br /><br />पहले दुःख कहाँ से आया ...फिर उस दुःख का कारण क्या था वाली बात ...<br />.<br />धन्यवाद आप का <br /><br />शुक्ल भ्रमर ५Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4107023095685977479.post-23030072068568667592011-07-01T23:18:15.948+05:302011-07-01T23:18:15.948+05:30तरुण जी धन्यवाद -सच कहा आप ने पंजे को ...., मदन भा...तरुण जी धन्यवाद -सच कहा आप ने पंजे को ...., मदन भाई प्रोत्साहन के लिए आभार, आशुतोष जी लेकिन अंडे को कौन जान पाता है ख्वाब तो कुछ और ही होते हैं उस समय, शालिनी जी अभिवादन अपना सुझाव और प्रोत्साहन बनाये रखें, गंगाधर जी साधुवाद -कविता आप सब के मन को छू सकी सुन हर्ष हुआ <br /><br />हार्दिक आभार और धन्यवाद आप का आइये सब मिल हिंदी और साहित्य को अपने सीने से लगा इस समाज के लिए -जमीनी सच्चाई में उतर कुछ करें -शुभ कामनाएं <br />शुक्ल भ्रमर ५Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4107023095685977479.post-70377818178764506732011-06-29T15:54:25.679+05:302011-06-29T15:54:25.679+05:30१-पहले तो .....
---यह पा-लूं है= प्राप्त करलूं I ...१-पहले तो .....<br />---यह पा-लूं है= प्राप्त करलूं I should get..है या ..<br />----पालूँ = पालन पोषण करूँ...है <br />२- जब अभी सोचा ही था..भविष्य की बात... तो ...एक दम वर्त्तमान में कहाँ से आगये जो इशारे मानने भी लगा....<br />३.शेर है तो बड़े जिगर वाला ही होगा...कहने की क्या आवश्यकता है...डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4107023095685977479.post-16999715196699590932011-06-29T12:24:23.592+05:302011-06-29T12:24:23.592+05:30achchhi kavita.achchhi kavita.गंगाधरhttps://www.blogger.com/profile/09340129038132142051noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4107023095685977479.post-67349991482203597122011-06-29T00:28:36.271+05:302011-06-29T00:28:36.271+05:30kya kavita likhi hai.man gaye aapko.kya kavita likhi hai.man gaye aapko.Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4107023095685977479.post-14362074372652790592011-06-28T20:29:08.954+05:302011-06-28T20:29:08.954+05:30पिल्लै से जो शेर बना था -राज बताऊँ
क्यूँ न अंडे स...पिल्लै से जो शेर बना था -राज बताऊँ<br /><br />क्यूँ न अंडे से बच्चा निकलने से पहले समूल नष्ट कर देंआशुतोष की कलमhttps://www.blogger.com/profile/05182428076588668769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4107023095685977479.post-14437816462180630552011-06-28T20:08:00.095+05:302011-06-28T20:08:00.095+05:30मान गए शुक्ल जी आपको क्या कविता आपने लिखी है !मान गए शुक्ल जी आपको क्या कविता आपने लिखी है !मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4107023095685977479.post-20832713448220070712011-06-28T17:02:08.045+05:302011-06-28T17:02:08.045+05:30मेरी नजर में इसका इलाज यही है उस पंजे को नष्ट कर द...मेरी नजर में इसका इलाज यही है उस पंजे को नष्ट कर देना चाहिय ...तरुण भारतीयhttps://www.blogger.com/profile/06484935775975350578noreply@blogger.com